इस लेख में हम जानेंगे कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE All India Council for Technical Education) क्या है और इसके नए नियम क्या है और AICTE ने इंजीनियरिंग के लिए कौन कौन से नए नियम बनाए हैं।
AICTE क्या है
AICTE का फुल फॉर्म होता है all India council for Technical Education हिन्दी मे इसका अर्थ होता है अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यह भारत सभी इंजिनीरिंग कॉलेजों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई सम्बंदित निर्देश देता है ।
AICTE के नए नियम इंजीनियरिंग प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए
AICTE के नए निर्देशों के अनुसार 2021-22 में एडमिशन लेने वाले छात्रों को 12वी में मैथ फिजिक्स होना जरूरी नही है जिन विद्यार्थियों के 12वीं में मैथ फिजिक्स नही है वो विद्यार्थी भी BE /B tech में एडमिशन ले सकेंगे
इंजीनियरिंग में एडमिशन कौन से विषय के विद्यार्थी ले सकेंगे
इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिये विद्यार्थियों के 12वीं क्या विषय होना चाहिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अनुसार इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए 12वी में 14 विषय मे पास होना अनिवार्य होगा।
उन 14 विषयों में मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री,कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी बायोलॉजी, इंफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्निकल बिज़नेस सब्जेक्ट, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिज़नेस की पढ़ाई, एंटरप्रेन्योरशिप आदि शामिल है ।
क्या बायो और कॉमर्स सब्जेक्ट वाले स्टूडेंट्स भी इंजीनियरिंग कर सकेंगे
अगर आप जानना चाहते हो कि AICTE के नए नियम अनुसार बायो और कॉमर्स वाले स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग कर पाएंगे की नही तो आपको जानकर खुशी होगी कि AICTE के नए नियमों के अनुसार सत्र 2021 और 22 में 12वीं में बायो और कॉमर्स वाले स्टूडेंट्स भी एडमिशन ले सकेंगे जो विद्यार्थी 12वीं में मैथ और फिजिक्स नही पढे होंगे उन विद्यार्थियों को मैथ फिजिक्स और इंजीनियरिंग ड्राइंग के ब्रिज कोर्स कराया जाएगा जिससे वह विद्यार्थी बीई /बी टेक की पढ़ाई के लिए तैयार हो सके ।
AICTE के नए नियमों के फायदे
AICTE के नए नियम से वो बच्चे भी इंजीनियरिंग कर सकेंगे जिन बच्चों ने 12वी में मैथ सब्जेक्ट न लिया हो
विद्यार्थियों पर से 12वी में मैथ और फिजिक्स सब्जेक्ट लेने का दबाव कम होगा
AICTE के नए नियम के नुकसान
- AICTE के नए नियम से देश मे ऐसे इंजीनियर बनेगें जो कम प्रतिभाशाली होंगे
- जो बच्चे 12वीं में मैथ और फिजिक्स नही पड़ेंगे उनको इंजीनियरिंग की पढ़ाई में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा
- जिन बच्चों ने मैथ और फिजिक्स नही पड़ा उन बच्चों की अविष्कार करने की छमता कम होगी ओर ऐसे इंजीनियरो को रोजगार मिलने में भी दिक्कत होगी
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